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रेडियो का सफर! 📻

रेडियो आधुनिक विज्ञान का एक आश्चर्यजनक उपयोगी अविष्कार है। इसने सारे संसार को एक किया है। यह एक ऐसा माध्यम है जिसमें हर वर्ग के लोगों के लिए सूचना जानकारी से लेकर मनोरंजन तक की सभी तरह के कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं।

रेडियो का इतिहास:-

रेडियो का आविष्कार 1896 में गूल्येल्मो मार्कोनी ने किया था। भारत में रेडियो का इस्तेमाल टाइम्स आफ इंडिया ग्रुप के पोस्ट एंड टेलीग्राम डिपार्टमेंट के द्वारा 1921 में किया गया था।रेडियो के लिए ब्रॉडकास्टिंग लाइसेंस 1922 में इशू किया गया था। 1924 में रेडियो क्लब ऑफ़ मद्रास ने भारत में रेडियो के दौरान पहला कार्यक्रम आयोजन किया। रेडियो मैगजीन इंडिया रेडियो टाइम जिसका नाम बदलकर इंडिया लिस्नर कर दिया गया है वह 1927 में शुरू किया गया।1 अप्रैल 1930 को, रेडियो को उद्योग और श्रम विभाग के तहत भारतीय राज्य प्रसारण सेवा के रूप में शामिल किया गया था। 1936 में ऑल इंडिया रेडियो की शुरुआत भारत में की गई। इससे पहले ऑल इंडिया रेडियो को इंपीरियल रेडियो ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता था। 1946 में ए ए आर नाम मिनिस्ट्री ऑफ़ इनफार्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग के अंतर्गत काम करना शुरू किया और 1957 में इसका नाम बदलकर आकाशवाणी कर दिया गया।आकाशवाणी नाम का प्रयोग पहली बार रवींद्रनाथ टैगोर और एम गोपाल स्वामी के द्वारा किया गया था और का पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्ट प्रसार भारती का रेडियो वर्टिकल अपनी स्थापना के बाद से अपने आदर्श वाक्य बहुजन हिताय बहुजन सुखाय पर खरा उतरने के लिए अपने दर्शकों को सूचित शिक्षित और मनोरंजन करने के लिए काम कर रहा है। विविध भारती की शुरुआती 3 अक्टूबर 1957 में हुई।इसके बाद 1990 में प्रसार भारती एक्ट आया और 1997 में इसकी स्थापना की गई। इसी वर्ष दूरदर्शन और आकाशवाणी को प्रसार भारती में समाहित कर दिया गया था।

रेडियो की कुछ ऐतिहासिक घटनाएं:-

1941:- रेडियो जर्मनी से सुभाष चंद्र बोस ने भारतीयों को संबोधित किया और यह रेडियो के माध्यम से कहा कि तुम मुझे खून दो और मैं तुम्हें आजादी दूंगा।

1942:- महात्मा गांधी जी ने भारतीयों को भारत छोड़ो आंदोलन के बारे में रेडियो के माध्यम से संबोधित किया।

14 और 15 अगस्त 1947:- जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता दिवस पर अपनी ट्रस्ट की डेस्टिनी स्पीच दी।

1967:- भारत में कमर्शियल रेडियो सर्विस की शुरुआत हुई।

ऐसी और भी बहुत सी घटनाएं हैं जो रेडियो के माध्यम से घटित हुई।

रेडियो को आए हुए लगभग 127 साल होने को आए हैं और आज भी इसकी अहमियत बहुत अधिक है। बुजुर्ग या वह लोग जो पढ़ लिख नहीं सकते या कहीं आते-जाते लोग रेडियो सुनते हैं और अपना मनोरंजन करते हैं। सूचनाओं प्राप्त करते हैं। रेडियो कोई भी जानकारी पाने का बहुत ही सरल माध्यम है। रेडियो का उपयोग अनंत है। यह दुनिया का एक करने में, शिक्षा प्रसार में, विविध मनोरंजन प्रसार में, और अंतरराष्ट्रीय नागरिक जीवन को मजबूत बनाने में बड़ी सहायता कर रहा है। यह एक आधुनिक विज्ञान का एक बड़ा उपयोगी वरदान है।

By:- Divyanshi Srivastava

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